World’s 10 cheapest cities To live in 2024

World’s 10 cheapest cities To live in 2024 1. Damascus,sayria: With a relatively low cost of living Damascus offers affordable essentials and services, allowing residents and services, allowing residents to enjoy the city’s historical charm without starining their budgets. The city exhibits outstanding evidence of the civilizations which created it – Hellenistic, Roman, Byzantine and … Read more

आहारीय चिकित्सा क्या है? इसके उद्देश्य एवं सिद्धान्त

आहारीय चिकित्सा क्या है? इसके उद्देश्य एवं सिद्धान्त

आहारीय चिकित्सा क्या है?  आहारीय चिकित्सा – रोगविमुक्त, स्वास्थ्यलाभ एवं कुछ रोगों को बढ़ने से रोकने के निमित्त सामान्य आहार को रोगी की अवस्था एवं रोग की परिस्थिति के अनुसार परिवर्तित कर शीघ्र रोग-विमुक्त के लिए, भोजन को एक कारक के रूप में प्रयोग करने की प्रक्रिया आहारीय चिकित्सा कहलाती है। रुग्णावस्था में उपापचय की … Read more

आहार चिकित्सा का महत्व | Importance of diet therapy in Hindi

आहार चिकित्सा का महत्व | Importance of diet therapy in Hindi

आहार चिकित्सा का महत्व प्रत्येक रोग की अवस्था में आहार का आयोजन आवश्यक एवं महत्वपूर्ण है किन्तु आहार द्वारा रोग की अवस्था में सुधार लाने के लिये विशेष रूप से आयोजित आहार चिकित्सा के कुछ प्रमुख उद्देश्य अग्रलिखित हैं- (1) आयोजित आहार रोगी का पोषण स्तर उत्तम रखने में सक्षम हो अर्थात् रोगों का उच्च … Read more

क्या आप सहमत हैं कि गांधी का राजनैतिक दर्शन कुछ नहीं, केवल मानवता का दर्शन है?

क्या आप सहमत हैं कि गांधी का राजनैतिक दर्शन कुछ नहीं, केवल मानवता का दर्शन है?

क्या आप सहमत हैं कि गांधी का राजनैतिक दर्शन कुछ नहीं, केवल मानवता का दर्शन है? गांधीजी के राजनीतिक दर्शन के विषय में कई विद्वानों ने अनेक मतों का प्रतिपादन किया, परन्तु आज भी यह विषय अत्यधिक विवादास्पद है कि गांधी जी का दर्शन एक राजनीतिक दर्शन था या मानवता का दर्शन । परन्तु इस … Read more

डा0 अम्बेडकर के राजनीतिक विचार

डा0 अम्बेडकर के राजनीतिक विचार

डा0 अम्बेडर के राजनीतिक विचार का उल्लेख कीजिए। डा0 अम्बेडकर के राजनीतिक विचार डा० अम्बेडकर के राजनीतिक विचार दर्शन का अध्ययन के लिए हमें निम्नलिखित दृष्टिकोण से गुजरना होगा। 1. उनका राजनीति के प्रति दृष्टिकोण- राजनीति में सिर्फ ‘मूल्यों में विश्वास’ उस समय तक कारगर नहीं होता जब तक इन मूल्यों की निरन्तर घनी होती … Read more

दलितोद्धार हेतु डॉ. अम्बेडकर के सुझाव

दलितोद्धार हेतु डॉ. अम्बेडकर के सुझाव

डा0 अम्बेडकर दलितों के मसीहा थे’ इस कथन की समीक्षा कीजिये। दलितोद्धार हेतु डॉ. अम्बेडकर के सुझाव डा0 अम्बेडकर भारत में न्यायनिष्ठ समाज व्यवस्था की स्थापना हेतु दलित वर्ग के उत्थान को आवश्यक मानते थे। उनका यह सुविचारित मत था कि जब तक इन वर्गों के सदस्यों को उच्च वर्गों के समान आर्थिक और सामाजिक … Read more

डा0 अम्बेडकर के राष्ट्र एवं राष्ट्रवाद पर विचार

डा0 अम्बेडकर के राष्ट्र एवं राष्ट्रवाद पर विचार

डा0 अम्बेडकर के राष्ट्र एवं राष्ट्रवाद पर विचारों की समीक्षा कीजिये। राष्ट्रवाद और अम्बेडकर – डा0 अम्बेडकर यद्यपि एक अनन्य राष्ट्रवादी और देशभक्त थे लेकिन वे कांग्रेसी छाप के राष्ट्रवादी नहीं थे। फलतः राष्ट्र आन्दोलन में उनकी भूमिका कांग्रेस की भूमिका से मेल नहीं खाती थी और इसलिए कांग्रेस के प्रति प्रतिबद्ध इतिहासकारों द्वारा राष्ट्र … Read more

अम्बेडकर के लोकतंत्र सम्बन्धी विचार

अम्बेडकर के लोकतंत्र सम्बन्धी विचार

अम्बेडकर के लोकतंत्र सम्बन्धी विचार डा0 अम्बेडकर और लोकतंत्र – डा0 अम्बेडकर यद्यपि एक लोकतन्त्रवादी थे लेकिन वे लोकतन्त्र की पश्चिमी अवधारणा से पूर्णत: सहमत नहीं थे। उनके अनुसार लोकतन्त्र को सिर्फ जनता द्वारा चुने हुए तथा उसके प्रति उत्तरदायी प्रतिनिधियों का शासन ही नहीं मानते थे। उनके अनुसार यह सिर्फ एक राजनीतिक लोकतन्त्र या … Read more

तिलक के राजनीतिक विचार | Tilak’s political views in Hindi

तिलक के राजनीतिक विचार | Tilak's political views in Hindi

तिलक के राजनीतिक विचारों की विवेचना कीजिए।  तिलक ने सन् 1889 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सदस्यता प्राप्त की थी और इस समय से उनके राजनीतिक विचारों का क्रम प्रारम्भ होता है। सन् 1889-94 के वर्षों में तिलक भी उदारवादी विचारधार के समर्थक थे। उन्होंने इन वर्षों में कांग्रेस के उदारवादी कार्यक्रम और मार्ग का … Read more

समकालीन समाज में गांधीजी की प्रासंगिकता का परीक्षण

समकालीन समाज में गांधीजी की प्रासंगिकता का परीक्षण कीजिए। गांधीजी के विचारों को ‘गांधीजी’ कहा गया है। गांधीजी के विचार किसी ग्रन्थ में संकलित होकर उनके भारतीय विचारकों में गांधी और उनकी विचार धारा का विशेष महत्व है। गांधी जी की प्रासांगिकता का जहाँ तक प्रश्न है तो उनकी प्रासंगिकता उनके विचारों एवं वर्तमान में … Read more