गाँधी के अहिंसात्मक राज्य के सिद्धान्त

गाँधी के अहिंसात्मक राज्य के सिद्धान्त

गाँधी के अहिंसात्मक राज्य के सिद्धान्त की विवेचना कीजिए । अहिंसात्मक राज्य के सिद्धान्त  आधुनिक राज्य को गाँधीजी एक आवश्यक बुराई ‘मानकर भी यह कहते हैं कि एक राज्य विहीन आदर्श समाज की स्थापना असम्भव है। इसके लिए वे एक अहिंसात्मक आदर्श राज्य की कल्पना करते हैं जिसे वे रामराज्य की संज्ञा देते हैं। गाँधीजी … Read more

नेहरू जी के राजनीतिक विचार

नेहरू जी के राजनीतिक विचार

नेहरू जी के राजनीतिक विचारों की विवेचना कीजिये। नेहरू जी के राजनीतिक विचार नेहरू का राष्ट्रवाद व अन्तर्राष्ट्रवाद – 1942 के कांग्रेस के अधिवेशन में उन्होंने कहा था, “मैं राष्ट्रवादी हूँ और मुझे राष्ट्रवादी होने पर अभिमान है राष्ट्रीयता सम्बन्धी उनकी धारणा संकुचित नहीं है। उनका कहना था कि मात्रभूमि के प्रति भावुकता से भरे … Read more

लोकतांत्रिक समाजवाद की परिभाषा और भारतीय समाज पर इसके प्रभाव

लोकतांत्रिक समाजवाद की परिभाषा और भारतीय समाज पर इसके प्रभाव

लोकतांत्रिक समाजवाद की परिभाषा लिखिये और भारतीय समाज पर इसके प्रभाव का मूल्यांकन कीजिए। लोकतांत्रिक समाजवाद की परिभाषा लोकतांत्रिक समाजवाद- राजनीतिक क्षेत्र में लोकतंत्र और आर्थिक क्षेत्र में समाजवाद के बीच समन्वय ही लोकतान्त्रिक समाजवाद है। सेलर्स महोदय के अनुसार “लोकतांत्रिक समाजवाद एक आंदोलन है, जिसका लक्ष्य समाज में एक ऐसी आर्थिक व्यवस्था स्थापित करना … Read more

नेहरू के पंचशील सिद्धांत एवं विदेश नीति | Nehru’s Panchsheel Agreement and foreign policy in Hindi

नेहरू के पंचशील सिद्धांत एवं विदेश नीति | Nehru's Panchsheel Agreement and foreign policy in Hindi

नेहरू के पंचशील सिद्धांत एवं विदेश नीति पर प्रकाश डालिए। नेहरू के पंचशील सिद्धांत एवं विदेश नीति पंचशील का सिद्धांत (Panchsheel Agreement)- नेहरू जी ने अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्र में पंचशील का प्रतिपादन किया। पंचशील सिद्धांत अन्तर्राष्ट्रीय आचरण की एक संहिता थी। इसमें इस बात पर बल दिया गया था कि कोई भी राष्ट्र के घरेलू मामलों … Read more

नेहरू जी के समाजवाद तथा मनवतावाद

नेहरू जी के समाजवाद तथा मनवतावाद

नेहरू जी के मानवतावाद की विवेचना कीजिये। पं. नेहरू लोकतंत्र, समाजवाद तथा मनवतावाद का सम्मिश्रण करना चाहते थे। वे हिंसा से घृणा एवं अहिंसा के प्रति श्रद्धा रखते थे। वे ऐसे आदर्शवादी थे जो नैतिक मूल्यों पर बहुत बल देते थे। वे पीड़ित, शोषित एवं पददलित वर्ग के हितैषी थे। गन्दी बस्तियों को देखकर उन्हें … Read more

धर्मनिरपेक्षता से आप क्या समझते हैं? What do you understand by secularism?

धर्मनिरपेक्षता से आप क्या समझते हैं? What do you understand by secularism?

धर्मनिरपेक्षता से आप क्या समझते हैं? धर्मनिरपेक्षता का अर्थ एंव स्वरूप- धर्मनिरपेक्षता से तात्पर्य एक सोचने समझने के तरीके से है जिससे हम धार्मिक विश्वासों से अछूते रहकर सभी वस्तुओं को बौद्धिकता के आधार पर देखने का प्रयत्न करते हैं। संक्षेप में यह धारणा वर्ग, जाति तथा राज्य के कार्यकलापों में धार्मिक हस्तक्षेप की विरोधी … Read more

गोखले के आर्थिक एवं सामाजिक विचार | Gokhale’s economic and social ideas in Hindi

गोखले के आर्थिक एवं सामाजिक विचार | Gokhale's economic and social ideas in Hindi

गोखले के आर्थिक एवं सामाजिक विचार गोखले के आर्थिक विचार- गोखले की गणित में बहुत रुचि थी और उन्होंने भारत की आर्थिक स्थिति का गहरा अध्ययन किया था। इसलिए उनके विचार सदा तर्क तथा तथ्यों पर आधारित होते थे। गोखले ने यह अनुभव किया कि भारत एक अत्यन्त निर्धन देश है और उसकी निर्धनता का … Read more

भारत सेवक समाज की स्थापना के कारण एंव उद्देश्य

भारत सेवक समाज की स्थापना के कारण एंव उद्देश्य

भारत सेवक समाज की स्थापना के कारण एंव उद्देश्य भारत सेवक समाज एक अनुपम देन- गोखले के राजनीतिक विचारों को भली- भाँति समझने के लिए यह परमावश्यक है कि भारत सेवक संघ के उद्देश्यों को पूरी तरह समझा जाए। भारत सेवक संघ की स्थापना गोखले द्वारा 12 जून, 1905 को की गई। इस संघ की … Read more

गोपाल कृष्ण गोखले का जीवन चरित्र तथा सफलताएँ

गोपाल कृष्ण गोखले का जीवन चरित्र तथा सफलताएँ

श्री गोपाल कृष्ण गोखले के जीवन तथा सफलताओं का वर्णन कीजिए। गोपाल कृष्ण गोखले का जीवन चरित्र तथा सफलताएँ गोपाल कृष्ण गोखले का जन्म 9 मई, 1866 ई. को महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले के एक छोटे से ग्राम कोटलक में हुआ था। यह ग्राम उनके नाना का था। वे चित्र पावन ब्राह्मण थे। उन्होंने 1884 … Read more

गोपाल कृष्ण गोखले के राजनीतिक विचार क्या हैं?

गोपाल कृष्ण गोखले के राजनीतिक विचार क्या हैं?

गोपाल कृष्ण गोखले के राजनीतिक विचार क्या हैं? गोपाल कृष्ण गोखले के राजनीतिक विचार  (i) उदारवाद में विश्वास- गोखले ने राजनीति का मार्ग सेवा की दृष्टि से अपनाया। वे देश के सच्चे सेवक थे और हमारा देश उस समय पराधीन था, इसलिए वे समझते थे कि देश को स्वशासन तक पहुंचाना परमावश्यक है। वे राजनीति … Read more