क्या आप सहमत हैं कि गांधी का राजनैतिक दर्शन कुछ नहीं, केवल मानवता का दर्शन है?

क्या आप सहमत हैं कि गांधी का राजनैतिक दर्शन कुछ नहीं, केवल मानवता का दर्शन है?

क्या आप सहमत हैं कि गांधी का राजनैतिक दर्शन कुछ नहीं, केवल मानवता का दर्शन है? गांधीजी के राजनीतिक दर्शन के विषय में कई विद्वानों ने अनेक मतों का प्रतिपादन किया, परन्तु आज भी यह विषय अत्यधिक विवादास्पद है कि गांधी जी का दर्शन एक राजनीतिक दर्शन था या मानवता का दर्शन । परन्तु इस … Read more

डा0 अम्बेडकर के राजनीतिक विचार

डा0 अम्बेडकर के राजनीतिक विचार

डा0 अम्बेडर के राजनीतिक विचार का उल्लेख कीजिए। डा0 अम्बेडकर के राजनीतिक विचार डा० अम्बेडकर के राजनीतिक विचार दर्शन का अध्ययन के लिए हमें निम्नलिखित दृष्टिकोण से गुजरना होगा। 1. उनका राजनीति के प्रति दृष्टिकोण- राजनीति में सिर्फ ‘मूल्यों में विश्वास’ उस समय तक कारगर नहीं होता जब तक इन मूल्यों की निरन्तर घनी होती … Read more

दलितोद्धार हेतु डॉ. अम्बेडकर के सुझाव

दलितोद्धार हेतु डॉ. अम्बेडकर के सुझाव

डा0 अम्बेडकर दलितों के मसीहा थे’ इस कथन की समीक्षा कीजिये। दलितोद्धार हेतु डॉ. अम्बेडकर के सुझाव डा0 अम्बेडकर भारत में न्यायनिष्ठ समाज व्यवस्था की स्थापना हेतु दलित वर्ग के उत्थान को आवश्यक मानते थे। उनका यह सुविचारित मत था कि जब तक इन वर्गों के सदस्यों को उच्च वर्गों के समान आर्थिक और सामाजिक … Read more

डा0 अम्बेडकर के राष्ट्र एवं राष्ट्रवाद पर विचार

डा0 अम्बेडकर के राष्ट्र एवं राष्ट्रवाद पर विचार

डा0 अम्बेडकर के राष्ट्र एवं राष्ट्रवाद पर विचारों की समीक्षा कीजिये। राष्ट्रवाद और अम्बेडकर – डा0 अम्बेडकर यद्यपि एक अनन्य राष्ट्रवादी और देशभक्त थे लेकिन वे कांग्रेसी छाप के राष्ट्रवादी नहीं थे। फलतः राष्ट्र आन्दोलन में उनकी भूमिका कांग्रेस की भूमिका से मेल नहीं खाती थी और इसलिए कांग्रेस के प्रति प्रतिबद्ध इतिहासकारों द्वारा राष्ट्र … Read more

अम्बेडकर के लोकतंत्र सम्बन्धी विचार

अम्बेडकर के लोकतंत्र सम्बन्धी विचार

अम्बेडकर के लोकतंत्र सम्बन्धी विचार डा0 अम्बेडकर और लोकतंत्र – डा0 अम्बेडकर यद्यपि एक लोकतन्त्रवादी थे लेकिन वे लोकतन्त्र की पश्चिमी अवधारणा से पूर्णत: सहमत नहीं थे। उनके अनुसार लोकतन्त्र को सिर्फ जनता द्वारा चुने हुए तथा उसके प्रति उत्तरदायी प्रतिनिधियों का शासन ही नहीं मानते थे। उनके अनुसार यह सिर्फ एक राजनीतिक लोकतन्त्र या … Read more

तिलक के राजनीतिक विचार | Tilak’s political views in Hindi

तिलक के राजनीतिक विचार | Tilak's political views in Hindi

तिलक के राजनीतिक विचारों की विवेचना कीजिए।  तिलक ने सन् 1889 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सदस्यता प्राप्त की थी और इस समय से उनके राजनीतिक विचारों का क्रम प्रारम्भ होता है। सन् 1889-94 के वर्षों में तिलक भी उदारवादी विचारधार के समर्थक थे। उन्होंने इन वर्षों में कांग्रेस के उदारवादी कार्यक्रम और मार्ग का … Read more

समकालीन समाज में गांधीजी की प्रासंगिकता का परीक्षण

समकालीन समाज में गांधीजी की प्रासंगिकता का परीक्षण कीजिए। गांधीजी के विचारों को ‘गांधीजी’ कहा गया है। गांधीजी के विचार किसी ग्रन्थ में संकलित होकर उनके भारतीय विचारकों में गांधी और उनकी विचार धारा का विशेष महत्व है। गांधी जी की प्रासांगिकता का जहाँ तक प्रश्न है तो उनकी प्रासंगिकता उनके विचारों एवं वर्तमान में … Read more

जवाहरलाल नेहरू के क्या आर्थिक विचार थे?

जवाहरलाल नेहरू के क्या आर्थिक विचार थे?

जवाहरलाल नेहरू के क्या आर्थिक विचार थे? पं नेहरू के आर्थिक विचार उनका कहना था कि राजनीतिक स्वतन्त्रता का कोई महत्व नहीं, यदि जनता को आर्थिक स्वतन्त्रता नहीं मिलती है। उनका विचार सही था, क्योंकि खाली पेट, नंगे शरीर तथा दिन रात के काम से चकनाचूर मानव स्वतंत्रता का क्या अर्थ समझ सकता है। उनका … Read more

भारतीय पुनर्जागरण के लिए उत्तरदायी तत्व

भारतीय पुनर्जागरण के लिए उत्तरदायी तत्व

भारतीय पुनर्जागरण के लिए कौन से तत्व उत्तरदायी थे? समीक्षा कीजिए। भारतीय पुनर्जागरण के लिए उत्तरदायी तत्व भारतीय पुनर्जागरण के लिए अनेक तत्व उत्तरदायी हैं। ये तत्व इस प्रकार हैं- (i) पाश्चात्य शिक्षा पाश्चात्य शिक्षा के प्रसार ने भारतीय पुनर्जागरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ब्रिटिश सरकार ने भारत में पाश्चात्य शिक्षा का प्रचार-प्रसार किया। … Read more

गांधी जी के सत्याग्रह सिद्धान्त | Gandhi ji ke Satyagrah Siddhant

गांधी जी के सत्याग्रह सिद्धान्त | Gandhi ji ke Satyagrah Siddhant

गांधी जी के सत्याग्रह सिद्धान्त का परीक्षण कीजिए । सत्याग्रह का सिद्धान्त गांधी जी की राजनीति को विशेष और अपूर्व देन है। स्वयं गांधी जी के शब्दों में, “अपने विरोधियों को दुःखी बनाने के बजाय स्वयं अपने पर दुःख डालकर सत्य की विजय प्राप्त करना ही सत्याग्रह है। सत्याग्रह शक्तिशाली और वीर मनुष्य का शस्त्र … Read more